आदिवासी दिवस पर आदिवासी नृत्य के साथ भव्य रैली का आयोजन
रवि कुमार रापर्ती
भोपालपटनम@ आदिवासियों कि सस्कृति के कलर से पूरा नगर रम गया हैं विश्व आदिवासी दिवस को विशाल रैली के साथ बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ धूमधाम से मनाया गया हैं।
सभी आदिवासी सुबह से ही पोशाख पहनकर भवन मे इकठ्ठा होते दिखाई दे रहे थे। बड़े ही उत्साह के साथ मानाने दो दिनो से ही तैयारियां जोरो पर चल रही थी सफ़ेद पोशाख गले मे पीला रंग का गमछा पहने ग्रामीणों के द्वारा आदिवासी वेशभूषा में नाच गाना के साथ आदिवासी भवन से नगर के मुख्य मार्ग पर विशाल रैली का आयोजन किया गया। हाईस्कूल मैदान मे सभा का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे सैंकड़ो कि तादात मे आदिवासी शामिल हुए मंच मे संबोधित करते हुए संतोष मैपती नें आदिवासियों को अपना अधिकार कर्तव्य और नीति के बारे में बताया। आदिवासियों की संस्कृति और पहचान जल जंगल और जमीन है हमें इसे संरक्षित रखना हैं। हर वर्ष विश्व आदिवासी दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता हैं आदिवासी समाज का इतिहास बहुत पुराना और समृद्ध है। दुनिया के हर कोने में यह समाज बिखरा हुआ है। लेकिन मूलनिवासी होने के बावजूद आज भी विकास से वंचित है। आदिवासी समाज को विकास की मुख्य धारा में लाने और उनके संरक्षण के साथ-साथ उनके अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना आदिवासी दिवस का मुख्य उद्देश्य है।
यह रहे मौजूद-:
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संतोष मैपती, सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष महेन्द्र काका, आदिवासी समझ के ब्लाक अध्यक्ष अशोक मड़े, उपाध्यक्ष गंगाधर कोरम, संस्कृत प्रभारी शेखर वासम, कोषा अध्यक्ष सुरेश गोटा, सह कोषाध्यक्ष महेश बोज्जी , सचिव कामेश्वर आलम सचिव, पूर्व अध्यक्ष अलवा मदनैय्या, कामेश्वर राव गौतम, भरत देहारी, सैलिक नागवंशी, शंकर यालम, प्रवीर बोज्जी, योगेश वासम, सूर्यकिरण, रितेश आलम व बड़ी संख्या मे आदिवासी मौजूद रहे।
हमे हिन्दू न, बनाए हम प्रकृति के पुजारी हैं।
आदिवासी जल जंगल ज़मीन कि हक कि लड़ाई लड़ने वाला व्यक्ति हैं अपने आदिवासी संस्कति को बचाने वे प्रयास कर रहे हैं वे यह भी सन्देश दे रहे हैं कि हमें हिन्दू ना बनाये हम प्रकृति के पुजारी हैं। आज भी आदिवासी बहुल इलाके में आदिवासी लोग अंदरूनी गावों मे रह रहे हैं जहा कोई सुविधाएं नहीं हैं। और उन्हें भोजन के लिए बड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है। आदिवासी दिवस के दिन बड़ी संख्या मे लोग इकठ्ठा हुए पुरे नगर मे उन्होंने अपना परचम लहरा दिया हैं।