बीजापुर

जान जोखिम में डालकर पढ़ाने जातें हैं शिक्षक

भोपालपटनम। इंद्रावती व गोदावरी तांडव मचा रही है और इनकी सहायक नदियां चिंतावागु भी रौद्र रूप दिखा रहा है उसके बावजूद भोपालपटनम के अंदरूनी क्षेत्रों में शिक्षा का अलख जगाने शिक्षकों को अपनी जान हथेली में रखकर पढ़ाने जाना पड़ता है।आजादी के वर्षों बाद भी भोपालपटनम ब्लाक के दर्जनों गांव टापू में तब्दील हो जाता है उसके बाद भी शिक्षक उफनते नदियों को पार कर शिक्षक अपने स्कूलों में जरूर जाते हैं। भोपालपटनम के गोरला गांव के मिनूर के लोगों की जिंदगी बारिश में खासकर बाढ़ में बद से बद्तर हो जाता है और इसके बीच प्रशासन द्वारा स्कूलों के संचालन की अनुमति देता है। उफनती नदियों को पार कर शिक्षक अपने कार्य में मौजूद रहते हैं। विगत दिनों दिन -रात चौबीस घंटे की भारी बारिश के बीच भी पढ़ाई कराने शिक्षक पहुंचे हुए थे। मिनूर गांव में प्राथमिक विद्यालय मे 21 बच्चें अध्ययनरत हैं तो शिक्षक 02 यहां बखुबी दायित्व निभा रहें हैं । इसी प्रकार की स्थिति माध्यमिक विद्यालय में 07बच्चें हैं जिसमें दो शिक्षकों को जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहें हैं। कुल मिलाकर यहां शिक्षकों द्वारा ईमानदारी से काम किया ज रहा है।

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